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सिर्फ ₹1 में पाएं भगवान पशुपतिनाथ का दिव्य आशीर्वाद! यह ई-बुक पढ़ें और अपने जीवन में शांति, शक्ति और शिवत्व लाएं।

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अब चढ़ाएं बेलपत्र ऑनलाइन — सीधे काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में और पाएं कर्जमुक्ति, नौकरी व रुके कार्यों में सफलता!

- पंचमुखी पशुपतिनाथ महादेव– श्रद्धा का साक्षात रूप

काठमांडू, नेपाल में स्थित पशुपतिनाथ महादेव मंदिर न केवल शिवभक्तों का प्रमुख तीर्थस्थल है, बल्कि यह वह स्थान है जहाँ देवों के देव महादेव स्वयं निवास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां बेलपत्र चढ़ाता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। अब आप भी घर बैठे, ऑनलाइन माध्यम से बेलपत्र अर्पित कर सकते हैं।

  • बेलपत्र अर्पण का महात्म्य
  • शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है —

> "बिल्वपत्रं समर्प्यन्ते ये भक्त्या शंकराय च।

तेषां पापानि नश्यन्ति जन्मान्तरकृतानि च॥"

अर्थात, जो भक्त महादेव को श्रद्धा से बेलपत्र चढ़ाते हैं, उनके जन्म-जन्मांतर के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

बेलपत्र अर्पण शिव की आराधना का सबसे प्रिय माध्यम है।

 अब घर बैठे करें बेलपत्र अर्पण – सिर्फ एक क्लिक में!

हमारा पोर्टल आपको देता है एक सरल, सुलभ और आध्यात्मिक अनुभव!

आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ही ₹11, ₹21, ₹51, ₹101 या ₹501 में बेलपत्र चढ़ा सकते हैं।

हमारी टीम आपके द्वारा भेजी गई श्रद्धा को बेलपत्र सहित सीधे काठमांडू के मूल पशुपतिनाथ मंदिर में अर्पित करती है, और आपको उसका प्रमाण (फोटो/वीडियो/कन्फर्मेशन) भी भेजा जाता है।

- किन-किन समस्याओं में बेलपत्र अर्पण से लाभ होता है?

  • जीवन में परेशानियों से घिरे हैं?
  • कर्ज से छुटकारा चाहिए?
  • नौकरी नहीं लग रही?
  • रुके हुए कार्य पूरे नहीं हो रहे?
  • दांपत्य जीवन में तनाव है?
  • संतान प्राप्ति की बाधा है?
  • शत्रुओं से मुक्ति चाहिए?
  • नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव है?

तो अब देरी मत कीजिए ।

  • पशुपतिनाथ महादेव को बेलपत्र चढ़ाइए और जीवन को संवारिए।
  • हमारे पोर्टल की विशेषताएं:

100% पारदर्शिता:

हर अर्पण की पुष्टि भेजी जाती है (फोटो/वीडियो के रूप में)।

2. सच्ची सेवा भावना:

हम आपकी भक्ति को केवल सेवा भाव से मंदिर तक पहुंचाते हैं।

3. उपाय के साथ समाधान:

यदि आप अपनी परेशानी बताना चाहें, तो हम उसी अनुसार विशेष मंत्र के साथ बेलपत्र अर्पण करते हैं।

4. साप्ताहिक विशेष पूजा:

हर सोमवार को विशेष 'रुद्राभिषेक' के साथ बेलपत्र अर्पण की जाती है।

5. प्रवासी भक्तों के लिए उपयुक्त:

भारत से बाहर रह रहे भक्त भी अब सरलता से यह सेवा ले सकते हैं।

- पैकेज विवरण:

अर्पण राशि विशेषता

₹11 एक बेलपत्र अर्पण व शिव नाम जप

₹21 तीन बेलपत्र व एक दीप प्रज्वलन

₹51 पंच बेलपत्र व रुद्र मंत्र उच्चारण

₹101 दश बेलपत्र व अर्धरुद्र अभिषेक

₹501 एक बेलपत्र माला, महामृत्युंजय जप व विशेष रुद्राभिषेक

 धार्मिक रूप से प्रमाणिक — हमारे स्रोत

हमारा कार्य शिवपुराण, स्कंदपुराण, और लिंगपुराण के अनुसार है।

शिव पुराण के अनुसार“जो व्यक्ति श्रद्धा से एक बेलपत्र भी चढ़ाता है, वह सौ अश्वमेध यज्ञ के फल का अधिकारी बनता है।”

  •  हमारा उद्देश्य:

हमारा उद्देश्य कोई लाभ अर्जित करना नहीं, बल्कि विश्व भर के शिवभक्तों को मूल पशुपतिनाथ मंदिर से जोड़ना है, ताकि वो चाहे जहाँ हों — महादेव से सीधा जुड़ सकें।

 

* अंत में यही प्रार्थना है:

> "हे नाथ पशुपतिनाथ! इस अर्पण को स्वीकार कर मेरे जीवन को उज्जवल बना दो।

मुझ पर कृपा कर दो, मेरे समस्त दोष, कष्ट, रोग, शोक, ऋण और बाधाओं का अंत करो।"

काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ महादेव मंदिर विश्वभर के शिव भक्तों के लिए एक पवित्र और अत्यंत पूजनीय स्थान है। माना जाता है कि यहाँ सच्चे मन से की गई प्रार्थनाएँ और अर्पित की गई वस्तुएँ भगवान शिव तक सीधे पहुँचती हैं और भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस आध्यात्मिक भावना को समझते हुए, हमने आपके लिए एक ऑनलाइन बेलपत्र चढ़ाने का पोर्टल बनाया है।

यह पोर्टल उन सभी भक्तों के लिए है जो शारीरिक रूप से मंदिर में उपस्थित नहीं हो सकते, लेकिन अपनी श्रद्धा और भक्ति बेलपत्र के माध्यम से भगवान पशुपतिनाथ तक पहुँचाना चाहते हैं। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं।

हमारे पोर्टल के माध्यम से, आप अपनी सुविधानुसार घर बैठे ही पशुपतिनाथ महादेव को बेलपत्र अर्पित कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और सुरक्षित है। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके द्वारा अर्पित किए गए बेलपत्र विधि-विधान से भगवान पशुपतिनाथ को चढ़ाए जाएँ।

बेलपत्र चढ़ाने से मिलने वाले लाभ:

 

 * कर्ज से मुक्ति: यदि आप लंबे समय से कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, तो भगवान पशुपतिनाथ को बेलपत्र अर्पित करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यह माना जाता है कि बेलपत्र के समर्पण से वित्तीय बाधाएँ दूर होती हैं और धन आगमन के नए मार्ग खुलते हैं।

 

 * नौकरी और व्यापार में सफलता: जो लोग नौकरी की तलाश में हैं या अपने व्यापार में उन्नति चाहते हैं, उनके लिए बेलपत्र का अर्पण विशेष फलदायी होता है। यह आपके प्रयासों में सकारात्मक ऊर्जा भरता है और सफलता के द्वार खोलता है।

 

 * रुके हुए कार्यों का आरंभ: यदि आपके कोई महत्वपूर्ण कार्य लंबे समय से अटके हुए हैं और उनमें कोई प्रगति नहीं हो रही है, तो पशुपतिनाथ महादेव को बेलपत्र चढ़ाने से उन कार्यों में गति आ सकती है। भगवान शिव की कृपा से बाधाएँ दूर होती हैं और कार्य सफलतापूर्वक पूरे होते हैं।

 

 * जीवन की हर समस्या का समाधान: बेलपत्र अर्पित करने से न केवल विशिष्ट समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि यह जीवन की समग्र बाधाओं को दूर करने और शांति व समृद्धि लाने में भी सहायक होता है। यह आपको मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।

 

आप कितनी बेलपत्र चढ़ा सकते हैं?

आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार 11, 21, 51, 101, या 501 बेलपत्र अर्पित कर सकते हैं। इन संख्याओं का विशेष आध्यात्मिक महत्व है और यह आपकी भक्ति की गहराई को दर्शाते हैं। प्रत्येक संख्या का अपना महत्व है, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि आप अपनी प्रार्थना सच्चे मन से करें।

हमारा यह ऑनलाइन पोर्टल आपको पशुपतिनाथ महादेव से जुड़ने का एक सीधा और पवित्र माध्यम प्रदान करता है। हम आशा करते हैं कि इस सेवा के माध्यम से आप भगवान पशुपतिनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे और आपके जीवन की सभी समस्याएँ दूर होंगी। अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सुख-शांति के लिए आज ही ऑनलाइन बेलपत्र चढ़ाएँ और भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करें।

 

* पशुपति महादेव आरती *

 

आरती श्री पशुपतिनाथ की, जय त्रिपुरारी शंभो।

भक्तों के संकट हरने, आये कैलाशपति अम्बो॥

 

चंद्रमा शीश विराजे, गंगा जल लहराए।

नागों का हार बनाए, भस्म अंग सजाए॥

डमरू की ध्वनि सुनाकर, भूतों संग नचाए।

शिव शंकर करुणा सागर, सब पर कृपा बरसाए॥

 

आरती श्री पशुपतिनाथ की, जय त्रिपुरारी शंभो।

भक्तों के संकट हरने, आये कैलाशपति अम्बो॥

 

नंदी बैल सवारी, गजचर्म तन पे धारे।

वृक्षों में भी रमते, श्मशान को भी प्यारे॥

व्याघ्रचर्म वस्त्र पहने, योगीश्वर कहलाए।

जो भी तेरा नाम जपे, भवसागर तर जाए॥

 

आरती श्री पशुपतिनाथ की, जय त्रिपुरारी शंभो।

भक्तों के संकट हरने, आये कैलाशपति अम्बो॥

 

ओम् नमः शिवाय की ध्वनि, गूंजे सब दिशाओं में।

शिव तांडव से सजी, लीला हो सृष्टि की छायाओं में॥

पार्वतीपति भोलेनाथ, त्रिकाल के ज्ञाता।

पशुपतिनाथ की महिमा, कोई न सके बतलाता॥

 

आरती श्री पशुपतिनाथ की, जय त्रिपुरारी शंभो।

भक्तों के संकट हरने, आये कैलाशपति अम्बो॥

 

  • हर हर महादेव

 

भगवान शिव के 108 नाम - शिव अष्टोत्तर शतनामावली

प्रत्येक नाम के साथ "ॐ ... नमः" पढ़ा जाता है 

 

1. ॐ शिवाय नमः

 

 

2. ॐ महेश्वराय नमः

 

 

3. ॐ शम्भवे नमः

 

 

4. ॐ पिनाकिने नमः

 

 

5. ॐ शशिशेखराय नमः

 

 

6. ॐ वामदेवाय नमः

 

 

7. ॐ विरूपाक्षाय नमः

 

 

8. ॐ कपर्दिने नमः

 

 

9. ॐ नीललोहिताय नमः

 

 

10. ॐ शंकराय नमः

 

 

11. ॐ शूलपाणये नमः

 

 

12. ॐ खट्वाङ्गिने नमः

 

 

13. ॐ विष्णुवल्लभाय नमः

 

 

14. ॐ शिपिविष्टाय नमः

 

 

15. ॐ अम्बिकानाथाय नमः

 

 

16. ॐ श्रीकण्ठाय नमः

 

 

17. ॐ भक्तवत्सलाय नमः

 

 

18. ॐ भूतेश्वराय नमः

 

 

19. ॐ द्विजेश्वराय नमः

 

 

20. ॐ गङ्गाधराय नमः

 

 

21. ॐ ललाटाक्षाय नमः

 

 

22. ॐ कालकालाय नमः

 

 

23. ॐ कृपानिधये नमः

 

 

24. ॐ भीमाय नमः

 

 

25. ॐ परशुहस्ताय नमः

 

 

26. ॐ मृत्युञ्जयाय नमः

 

 

27. ॐ सूक्ष्मतनवे नमः

 

 

28. ॐ जगद्व्यापिने नमः

 

 

29. ॐ जगद्गुरवे नमः

 

 

30. ॐ व्योमकेशाय नमः

 

 

31. ॐ महाद्युतये नमः

 

 

32. ॐ अनीश्वराय नमः

 

 

33. ॐ सदा शुद्धाय नमः

 

 

34. ॐ अचिन्त्याय नमः

 

 

35. ॐ भावनाशनाय नमः

 

 

36. ॐ अमृतेश्वराय नमः

 

 

37. ॐ महादेवाय नमः

 

 

38. ॐ विश्वेश्वराय नमः

 

 

39. ॐ वीरभद्राय नमः

 

 

40. ॐ गणनाथाय नमः

 

 

41. ॐ प्रजापतये नमः

 

 

42. ॐ हिरण्यरेतसे नमः

 

 

43. ॐ दुर्धर्षाय नमः

 

 

44. ॐ गिरिशाय नमः

 

 

45. ॐ गिरीशाय नमः

 

 

46. ॐ अनघाय नमः

 

 

47. ॐ भर्गाय नमः

 

 

48. ॐ त्रयम्बकाय नमः

 

 

49. ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः

 

 

50. ॐ वृशाङ्ककाय नमः

 

 

51. ॐ वृषभारूढाय नमः

 

 

52. ॐ भस्मोद्धूलितविग्रहाय नमः

 

 

53. ॐ सामप्रियाय नमः

 

 

54. ॐ स्वरमयाय नमः

 

 

55. ॐ त्रयीमूर्तये नमः

 

 

56. ॐ अनीश्वराय नमः

 

 

57. ॐ सर्वज्ञाय नमः

 

 

58. ॐ परमात्मने नमः

 

 

59. ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नमः

 

 

60. ॐ हव्यवाहनाय नमः

 

 

61. ॐ ललामाय नमः

 

 

62. ॐ भूमिगर्भाय नमः

 

 

63. ॐ महासेनजनकाय नमः

 

 

64. ॐ चारुविक्रमाय नमः

 

 

65. ॐ रुद्राय नमः

 

 

66. ॐ सेनापतये नमः

 

 

67. ॐ अजराय नमः

 

 

68. ॐ पिङ्गलाय नमः

 

 

69. ॐ जगतांबायै पतये नमः

 

 

70. ॐ उमापतये नमः

 

 

71. ॐ महेश्वराय नमः

 

 

72. ॐ चण्डाय नमः

 

 

73. ॐ पुरुषाय नमः

 

 

74. ॐ सथाणवे नमः

 

 

75. ॐ नित्याय नमः

 

 

76. ॐ श्रीमतां वराय नमः

 

 

77. ॐ लक्षणाय नमः

 

 

78. ॐ लक्षणवपुषे नमः

 

 

79. ॐ वागीशाय नमः

 

 

80. ॐ शाश्वताय नमः

 

 

81. ॐ स्थविराय नमः

 

 

82. ॐ ध्रुवाय नमः

 

 

83. ॐ अहस्कराय नमः

 

 

84. ॐ रजोनिधये नमः

 

 

85. ॐ सूक्ष्माय नमः

 

 

86. ॐ शुद्धाय नमः

 

 

87. ॐ वासुदेवाय नमः

 

 

88. ॐ ब्रह्मण्याय नमः

 

 

89. ॐ लोकनाथाय नमः

 

 

90. ॐ समस्ततपसे नमः

 

 

91. ॐ तेजोवृषाय नमः

 

 

92. ॐ द्युतिधराय नमः

 

 

93. ॐ सर्वविद्याधिपाय नमः

 

 

94. ॐ कपिलाय नमः

 

 

95. ॐ विष्णुप्रियाय नमः

 

 

96. ॐ अतीन्द्रिया

य नमः

 

 

97. ॐ अव्यक्ताय नमः

 

 

98. ॐ दक्षाध्वरहराय नमः

 

 

99. ॐ हराय नमः

 

 

100. ॐ पूषदन्तभञ्जनाय नमः

 

 

101. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः

 

 

102. ॐ मृत्युंजयाय नमः

 

 

103. ॐ सुखप्रदाय नमः

 

 

104. ॐ धनदाय नमः

 

 

105. ॐ भूरिकरुणाय नमः

 

 

106. ॐ विश्वनाथाय नमः

 

 

107. ॐ वेदशिरसे नमः

 

 

108. ॐ यज्ञमूर्तये नमः

 

 

 

भगवान शिव के 108 शिवलिंगों के नाम 

(शिव महालिंग स्तोत्र से संकलित)

 

1. सोमनाथ

 

 

2. मल्लिकार्जुन

 

 

3. महाकाल

 

 

4. ओंकारेश्वर

 

 

5. केदारनाथ

 

 

6. भीमशंकर

 

 

7. विश्वनाथ

 

 

8. त्र्यंबकेश्वर

 

 

9. बैद्यनाथ

 

 

10. नागेश्वर

 

 

11. रामेश्वर

 

 

12. घृष्णेश्वर

 

 

13. अमरेश्वर

 

 

14. भुवनेश्वर

 

 

15. नीलकंठेश्वर

 

 

16. काशी विश्वनाथ

 

 

17. कपालेश्वर

 

 

18. सिद्धेश्वर

 

 

19. त्रिलोकेश्वर

 

 

20. चंद्रेश्वर

 

 

21. अन्नपूर्णेश्वर

 

 

22. कामेश्वर

 

 

23. धर्मेश्वर

 

 

24. विनायकेश्वर

 

 

25. भूतेश्वर

 

 

26. रुद्रेश्वर

 

 

27. महेश्वर

 

 

28. नागेश्वर द्वारका

 

 

29. भीष्मेश्वर

 

 

30. कालेश्वर

 

 

31. श्रीशैलमल्लिकार्जुन

 

 

32. हरिहरश्वर

 

 

33. पिप्पलेश्वर

 

 

34. पंचवटीश्वर

 

 

35. परशुरामेश्वर

 

 

36. चन्द्रमौलेश्वर

 

 

37. श्रीरामेश्वर

 

 

38. गंगाधरेश्वर

 

 

39. वटेश्वर

 

 

40. गौरीशंकर

 

 

41. वृषेश्वर

 

 

42. नंदीश्वर

 

 

43. सोमेश्वर

 

 

44. कोटेश्वर

 

 

45. तुंगनाथ

 

 

46. गुप्तकाशी

 

 

47. ओंकारनाथ

 

 

48. हरिहरनाथ

 

 

49. वटुकनाथ

 

 

50. मणिकर्णिकेश्वर

 

 

51. जलेश्वर

 

 

52. अग्नेश्वर

 

 

53. भूतेश्वर

 

 

54. भैरवेश्वर

 

 

55. काशीश्वर

 

 

56. कालभैरवेश्वर

 

 

57. दक्षेश्वर

 

 

58. गजेश्वर

 

 

59. योगेश्वर

 

 

60. अर्धनारीश्वर

 

 

61. जटेश्वर

 

 

62. गंगेश्वर

 

 

63. चन्द्रेश्वर

 

 

64. रामलिंगेश्वर

 

 

65. रत्नेश्वर

 

 

66. वनेश्वर

 

 

67. तिलेश्वर

 

 

68. सोमनाथेश्वर

 

 

69. ब्रह्मेश्वर

 

 

70. यमेश्वर

 

 

71. विष्णुशिवेश्वर

 

 

72. अनंतेश्वर

 

 

73. नीलकंठेश्वर

 

 

74. गिरिजेश्वर

 

 

75. त्रिपुरेश्वर

 

 

76. कामनाथेश्वर

 

 

77. आदिनाथ

 

 

78. तपोवनेश्वर

 

 

79. शिवनाथ

 

 

80. देवेश्वर

 

 

81. नटेश्वर

 

 

82. गिरीशेश्वर

 

 

83. राक्षेश्वर

 

 

84. शूलपाणेश्वर

 

 

85. परब्रह्मेश्वर

 

 

86. कालहस्तेश्वर

 

 

87. आदिपुरुषेश्वर

 

 

88. अमरनाथ

 

 

89. पंचेश्वर

 

 

90. रुद्रनाथ

 

 

91. ध्यानेश्वर

 

 

92. शंभुनाथ

 

 

 

93. शंकरनाथ

 

 

94. शिवशक्ति नाथ

 

 

95. ब्रह्मानंदेश्वर

 

 

96. नीलेश्वर

 

 

97. मंडलेश्वर

 

 

98. सुरेश्वर

 

 

99. मोक्षेश्वर

 

 

100. सिद्धनाथ

 

 

101. ज्योतिर्लिंगनाथ

 

 

102. भक्तनाथ

 

 

103. आनंदेश्वर

 

 

104. सर्वेश्वर

 

 

105. शिवलिंगनाथ

 

 

106. तेजेश्वर

 

 

107. हर्षनाथ

 

 

108. महामृत्युंजयेश्वर

 

 

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